दिल्ली सरकार ने राजधानी की कनेक्टिविटी और सौंदर्यीकरण को नया आयाम देने की दिशा में एक बड़ा कदम उठाया है। सरकार ने नजफगढ़ ड्रेन (जिसे साहिबी नदी भी कहा जाता है) के दोनों किनारों पर ₹600 करोड़ की लागत से एक विशाल सड़क परियोजना की शुरुआत की है। इस परियोजना का उद्देश्य न केवल इलाके की यातायात व्यवस्था को सुधारना है, बल्कि इस क्षेत्र को एक सुंदर और पर्यावरण के अनुकूल हरित गलियारे (Green Corridor) में तब्दील करना भी है।
क्या है इस परियोजना में खास?
इस महत्वाकांक्षी परियोजना के तहत कुल 60.77 किलोमीटर लंबी सड़कों का निर्माण किया जाएगा:
झटीकरा ब्रिज से छावला ब्रिज तक: 5.94 किलोमीटर लंबी दो लेन की सड़क बाईं ओर बनेगी।
छावला ब्रिज से बसईदारापुर ब्रिज तक: दोनों किनारों पर 54.83 किलोमीटर लंबी दो लेन की सड़कें बनाई जाएंगी।
ये सड़कें दिल्ली के कई प्रमुख मार्गों से जुड़ाव बनाएंगी, जिनमें इनर रिंग रोड (बसईदारापुर), आउटर रिंग रोड (केशवपुर), पंखा रोड (विकासपुरी), नजफगढ़ रोड (ककरोला) और द्वारका एक्सप्रेसवे जैसे बड़े और व्यस्त रूट शामिल हैं। इस कॉरिडोर से लाखों नागरिकों को रोज़ाना के आवागमन में राहत मिलेगी और राजधानी के ट्रैफिक दबाव में भी उल्लेखनीय कमी आएगी।
हरियाली, स्वच्छता और सौंदर्यीकरण पर जोर
यह केवल एक सड़क परियोजना नहीं है – यह एक समग्र शहरी परिवर्तन की पहल है। इस ग्रीन कॉरिडोर के तहत:
हरियाली और पौधारोपण को बढ़ावा दिया जाएगा।
सार्वजनिक शौचालय, स्ट्रीट लाइट, स्ट्रीट फर्नीचर, वॉकवे और साइनबोर्ड्स जैसी सुविधाएं विकसित की जाएंगी।
ड्रेनेज और सुरक्षा के लिए बाउंड्री वॉल भी बनाई जाएंगी ताकि किसी भी तरह की दुर्घटना या जलभराव की समस्या ना हो।
कई क्षेत्रों को मिलेगा सीधा लाभ
यह परियोजना विशेष रूप से पंजाबी बाग, पश्चिम विहार, निलोठी, बापरोला, ककरोला, नजफगढ़, द्वारका, विकासपुरी और छावला जैसे क्षेत्रों के लिए गेम चेंजर साबित होगी। इन इलाकों के लाखों निवासी अब बेहतर सड़क, तेज़ यात्रा और स्वच्छ पर्यावरण का लाभ उठा पाएंगे।
भविष्य की सोच और दिल्ली का नया चेहरा
मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की सरकार लगातार राजधानी को एक “World Class City” में बदलने के प्रयास कर रही है। यह ग्रीन कॉरिडोर उसी सोच का एक अहम हिस्सा है – जहां विकास के साथ-साथ पर्यावरण संरक्षण और नागरिक सुविधा को भी बराबर महत्व दिया गया है।
सरकार का मानना है कि नजफगढ़ ड्रेन का उपयोग केवल नाली के रूप में नहीं बल्कि उसे एक सुंदर, उपयोगी और हरित स्पेस में बदलना आज की जरूरत है। यह परियोजना उसी दिशा में एक सार्थक प्रयास है।
SPT LIVE का निष्कर्ष:
जहां एक ओर देशभर में शहरीकरण के नाम पर हरियाली और खुली जगहें खत्म हो रही हैं, वहीं दिल्ली सरकार का यह कदम एक प्रेरणादायक उदाहरण है – जिसमें विकास और प्रकृति दोनों को साथ लेकर चलने की सोच है। नजफगढ़ ड्रेन के किनारे बनने वाला यह हरित गलियारा न केवल दिल्ली की सूरत बदलेगा, बल्कि एक साफ, सुंदर और संगठित राजधानी के निर्माण में भी अहम भूमिका निभाएगा।