नई दिल्ली: खाद्य सुरक्षा नियामक FSSAI ने लाइसेंस प्राप्त खाद्य निर्माता और आयातकों को आदेश दिया है कि वे रिजेक्टेड और एक्सपायर फूड आइटम्स का तिमाही डेटा अपने FOSCOS (ऑनलाइन अनुपालन प्रणाली) के माध्यम से पेश करें, ताकि इनका दोबारा इस्तेमाल रोका जा सके। यह निर्देश 16 दिसंबर को जारी किया गया और यह रिपैकर्स तथा रीलेवलर्स पर भी लागू होता है।
रिपोर्ट में तीन अहम क्षेत्रों को शामिल किया गया है। इनमें आंतरिक गुणवत्ता परीक्षण या निरीक्षण में फेल होने वाले उत्पादों की मात्रा, फूड सप्लाई चेन से रिजेक्टेड उत्पादों की मात्रा और प्रोडक्ट डिस्पोजल की डिटेल रिपोर्ट शामिल है।
इस आदेश का उद्देश्य इस तरह के प्रोडक्ट्स के रीयूज और रीब्रांडिंग को रोकना है। बता दें कि FOSCOS रिपोर्टिंग फंक्शन अभी भी विकसित किया जा रहा है। नियामक ने खाद्य व्यवसायों से जरूरी डेटा इकट्ठा करना शुरू करने को कहा है ताकि सिस्टम चालू होने पर पेश करने के लिए तैयारी सुनिश्चित हो सके।
हाल ही में एफएसएसएआई ने अपने एक आदेश में ऐसी चीजों की डिलीवरी पर रोक लगाने के लिए कहा था जिनकी एक्पसायरी डेट 45 दिन से कम बची है।
एफएसएसएआई ने यह निर्देश ऑनलाइन काम करने वाले सभी फूड बिजनेस ऑपरेटर्स (एफबीओ) को दिया था। इस आदेश में एफएसएसएआई की ओर से कहा गया है कि एफबीओ कंज्यूमर्स को उन्हीं खाने-पीने की चीजों की डिलीवरी करें जिनकी एक्सपायरी डेट उस समय कम से कम 45 दिन बची हो।
काफी कंज्यूमर्स की शिकायत को देखते हुए उपभोक्ता मामलों का मंत्रालय अब आगे आया है। कंज्यूमर्स की समस्याओं का समय पर समाधान करने के लिए 24 दिसंबर को मंत्रालय ई-जागृति ऐप शुरू कर सकता है। इस ऐप की खासियत है कि इस पर बोलकर भी शिकायत दर्ज करा सकते हैं। ऐसे में लोगों को शिकायत करने में आसानी होगी।